क्सिका कद कम हुवा केजरीवाल का या केंद्र सरकार का
ऐसा लगता है केंद्र सरकार और सीबीआई सारा इन्साफ और ईमानदारी सिर्फ दिल्ली सरकार में ही तलाश रही है। भ्रस्ट लोगों पे कार्रवाई जरूर होना चाहिए इसमें कोई दो मत नही है मगर ये सिर्फ दिल्ली पे और केजरीवाल सरकार पे ही लागु नही होता है। दिल्ली सरकार पे एक के बाद एक हमला और केजरीवाल को बदनाम करने की कोशिश करना एक दम से केंद्र सरकार की हताशा दर्शाती है
इससे कांग्रेस और बीजेपी में कोई अंतर नही रह जाता है। जैसे कांग्रेस ने किया वही बीजेपी भी कर रही है। मोदी सरकार को अपना काम करने की पूरी छूट है लोक सभा में बहुमत की भी कमी नही है और राज्ये सभा में भी बहुमत मिल सकता है। मगर ये मूर्खता पूर्ण कदम ही है जो वहां तक पहुँचने से रोक रही है। जैसे ताज़ा घटना बिहार की ही है । बिहार में जनता ने उनकी दिखावटी और झूठी बातों को नजरअंदाज करके बुरी तरह से सड़क पर ला दिया।
ये सारी कवायद केजरीवाल जैसे नेता को बेईमान मक्कार और चोर बनाने के लिए है जैसा की हिंदुस्तानी नेता के अंदर ये सब गुण पाये जाते हैं। जहां मोदी सरकार अपने आपको एक चुनी हुई सरकार कहकर विरोधोयों पे हमला करती है वहीँ दिल्ली सरकार उनसे ज्यादा प्रतिसत से चुन के आने वाली सरकार है मगर मोदी सरकार को दिल्ली के सरकार से इतनी निराशा और जलन क्यों है।
सवाव यह उठता है कि केंद्र सरकार जिस तरह से आने वाले लोकतांत्रिक इतिहास के लिए बदले की भावना में गलत तरीकों से सत्ता के दुरुपयोग के उदाहरण सामने रख रहा है, इससे और कुछ नही बस कुछ पुराने कोंग्रेसी नेताओं की याद आती है और शायद मोदी एक नया इतिहास लिखना चाहते हैं अपने क्रूर शासन का। इसी लिए ये क्यों न माना जाये की ये सरकार पिछले सरकारों से अलग नही है या फिर ये मान लिया जाये की सरकार चलाने की ये न्यूनतम योगयता है
शिवराज जैसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री को शह देकर, निहाल चन्द्र को अभी तक मंत्रीमंडल में रखकर, वसुंधरा को राजस्थान में क्लीन चिट देकर मोदी ने साबित किया कि वे एक कमजोर और भ्रष्ट व्यस्था के हिमायती हैं, ?
दिल्ली पूरे देश के लोगों का प्रतिनिधित्व करता है और लोग आज भी केजरीवाल के काम पर निगाह रख रहे हैं, सराह रहे हैं और उन्हें मदद कर रहे हैं, पर मोदी को लेकर हर जगह विरोध है, सिवाय चंद मुठ्ठीभर लोग जो संघ या हिन्दू मानसिकता से ग्रसित हैं, उन्हें अंध समर्थन देते हैं। आज की घटना बहुत गंभीर और अक्षम्य है और इस तरह से इस सरकार ने जो कदम उठाया है यह निंदनीय है।