लज्जते शौक अगर हो तो एक एहसास पैदा कर
तहे जिगर में कोई नयी बात पैदा कर
नादानी, बेरुखापन और जाहिलियत की क्या बात करूँ
समझना है तो लहू में एक अलग से जान पैदा कर
झगरते हैं मुस्लमान भी एक बड़ी अजीब सी बात पे
छोर झगका फिरको का अपने अंदर ईमान पैदा कर
खुदा मेरा है और है सही तरीका इबादत का मेरा
कुछ करम कर और इस्पे कोई नयी बात न पैदा कर
डूबते कौम को बचाने की बात करने से पहले
अपने आपमें एक अलग सी पहचान पैदा कर ।
तहे जिगर में कोई नयी बात पैदा कर
नादानी, बेरुखापन और जाहिलियत की क्या बात करूँ
समझना है तो लहू में एक अलग से जान पैदा कर
झगरते हैं मुस्लमान भी एक बड़ी अजीब सी बात पे
छोर झगका फिरको का अपने अंदर ईमान पैदा कर
खुदा मेरा है और है सही तरीका इबादत का मेरा
कुछ करम कर और इस्पे कोई नयी बात न पैदा कर
डूबते कौम को बचाने की बात करने से पहले
अपने आपमें एक अलग सी पहचान पैदा कर ।
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