गिरते हैं लोग अखलाक से अफ़लास और किरदार से तोबा
जो मिले किसी को ऐसी कामयाबी तो उस बात से तोबा।
इल्म हो मशहूर हो मगर इन्साफ न हो उसमें
करता हूँ में इस बात से और ऐसे अमलयात से तोबा।
ज़िंदा है गर तू तो हरकत में रहा कर
बेजान हो गर इंसान तो इंसान से तोबा।
जो हो जाये जुल्म कहीं चंद सवालात से
बेबाक न हूँ और करूँ उन सवालात से तोबा।
ज़ालिम है यहाँ कोई और कोई मासूम दरिंदा
तोबा है और तोबा ऐसे इंसान से तोबा ।
खुद फंस गए सरफ़राज़ सरे आम एक बाजार
रो रो के किया करता है हर एक बात से तोबा
जो मिले किसी को ऐसी कामयाबी तो उस बात से तोबा।
इल्म हो मशहूर हो मगर इन्साफ न हो उसमें
करता हूँ में इस बात से और ऐसे अमलयात से तोबा।
ज़िंदा है गर तू तो हरकत में रहा कर
बेजान हो गर इंसान तो इंसान से तोबा।
जो हो जाये जुल्म कहीं चंद सवालात से
बेबाक न हूँ और करूँ उन सवालात से तोबा।
ज़ालिम है यहाँ कोई और कोई मासूम दरिंदा
तोबा है और तोबा ऐसे इंसान से तोबा ।
खुद फंस गए सरफ़राज़ सरे आम एक बाजार
रो रो के किया करता है हर एक बात से तोबा
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