जैसे ही हवाई जहाज आसमान को छुवा एक सज्जन जो की ३८-३९ साल के रहे होंगे, एयरहोस्टेस से पूछने लगे ड्रिंक कब मिलेगा, उस वक्त रात के १० बज रहे थे। मानो ऐसा लग रहा था की वो सज्जन फ्लाइट में सिर्फ ड्रिंक के लिए ही आये थे। एयरहोस्टेस ने गंभीरता से जवाब दिया, थोड़ी देर इंतज़ार कीजिये। थोड़ी देर बाद मैंने देखा की वो सज्जन पायलट कॉकपिट की तरफ तेज़ी बढे और फिर वापिस आ गये। मुझे लगा शायद ड्रिंक के लिए पूछने गए रहे होंगे, मगर नहीं उनके हाथ में आधा खाया हुवा एक सैंडविच था जिसपे लिस्टिक के निशान थे। मैं कुछ समझ नहीं पाया और आंख बंद करके सोने की कोशिश करने लगा। थोड़ी देर बाद सर्विस ट्राली वाले के जगाने पे आँख खुली तो देखा की सज्जन बार बार एक्स्ट्रा ड्रिंक के लिए ज़िद कर रहे थे। फिर दोनों एयरहोस्टेस ने एक दूसरे की तरफ देखकर एक पैग बनाया और उन्हें दे दिया। मैंने फिरसे अपनी आँखें बंद करली और सोने की कोशिश करने लगा। इतने में ही देखा की सह यात्री ने एयरहोस्टेस को बुला कर उनकी शिकायत करदी के ये जनाब अपना कपड़ा उतार कर सोना चाहते हैं। एयरहोस्टेस ने उन्हें मना किया तो वो उनसे बहस करने लगे कहने लगे मैं अपने घरमे ड्रिंक लेने के बाद कपड़े उतार कर ही सोता हूँ, तुम ड्रिंक देते हो तो मेरे निजता का भी ख्याल रख्खो मैं शर्ट उतार कर सोना चाहता हूँ इसमें क्या बुराई है। सामने वाले सीट पर बैठी एक अंग्रेजी महिला की तरफ इशारा करते हुवे कहने लगे की ये महिला होकर जब बनयान और हाफ पैंट में पूरा एयरपोर्ट और सिक्योरिटी से गुज़रती हुई यहाँ आगयी और किसी ने नहीं टोका तो फिर मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे हैं आपलोग, मैं शर्ट ही तो उतारना चाहता हूँ। बहस को तेज़ होता देख एक पुरुष क्रू मेंबर पायलट को बुला लाया। पायलट उन्हें समझाने लगा मगर वो पायलट की भी नहीं सुन रहे थे। फिर पायलट ने उसे और ज्यादा ड्रिंक देने की पेशकश की तो वो मान गया। फिर शांति बहाल हो गयी। थोड़ी देर बाद जब मैं शौचालय की तरफ गया तो दो एयरहोस्टेस आपस में बात कर रहीं थी की उनका सैंडविच जो की उन्होंने एयरपोर्ट से खरीदा था वो किसी ने चुरा लिया था। मैं मुस्कुराता हुवा आगे बढ़ गया और अपने सीट पे आकर फिरसे सोने कोशिश करने लगा , मुझे उस व्यक्ति पे बहुत गुस्सा आरहा था। मगर ये व्यर्थ ही था। मैं अपने दिलको समझा बुझा कर सोने के लिए राज़ी कर लिया। सोने के कुछ देर बाद मुझे पता लगा की ये प्लेन क्रैश कर गया है। नफ्सि नफ्सि का आलम है , हवाईजहाज़ के दो टुकड़े हो गए हैं और मैं सीट पे बैठा बैठा ईरान के पहाड़ियों पे गिर रहा हूँ। मैं ये सोच रहा था की मैं ज़िंदा कैसे हूँ, फिर मुझे साइंस के कुछ सिद्धांत याद आने लगे
फिर मैंने देखा की वो बंदा भी मेरे साथ ही गिर रहा है। और कह रहा है। कैसा महसूस कर रहे हो ? मुझे इतनी नफरत होगयी थी उससे की अपने प्राण जाने का गम भूल उसका मुँह नोचने की सोचने लगा। लेकिन तबतक वो मेरे और क़रीब आ गया और कहने लगा तुम जो सोच रहे हो वो नहीं कर पाओगे, देखो तो तुम्हारे हाथ हैं क्या ? तब मेरा ध्यान मेरी हाथ की तरफ़ा गया और मैंने देखा की मेरे पास हाथ नहीं थे। और वो ऐसे गायब थे जैसे ये जनम से ही न रहे हों मैं भो चक्का रह गया ये क्या हो रहा था मेरे साथ। ये सब की परवा किये बिना मैंने उससे पूछने की कोशिश की के तुमने उसकी सैंडविच क्यों चुराई थी। .....मगर मेरे मुँह से आवाज़ नहीं निकल रहे थे , जबरदस्ती कोशिश करने पे थोड़ी सी आवाज़ निकली तभी सह यात्री ने जगाया की क्या हुवा क्या बोल रहे हो और तब मुझे लगा की मैं सपने में था। उसके तरफ देखा तो वो भी सो रहा था। जान में जान आई पानी पिया और फिर चुप चाप बैठ गया।
मैं सोचने लगा आखिर इस सपने का क्या मतलब था की, मैंने उसका मुँह नोचने का सोचा तो मेरे हाथ ही गायब हो गए ? उससे कुछ पूछना चाहा तो आवाज़ बंद हो गयी !!
क्या मुझे ये सिख दी जा रही रही थी के किसी के निजता पे उससे नफरत न करो ?
फिर मैंने देखा की वो बंदा भी मेरे साथ ही गिर रहा है। और कह रहा है। कैसा महसूस कर रहे हो ? मुझे इतनी नफरत होगयी थी उससे की अपने प्राण जाने का गम भूल उसका मुँह नोचने की सोचने लगा। लेकिन तबतक वो मेरे और क़रीब आ गया और कहने लगा तुम जो सोच रहे हो वो नहीं कर पाओगे, देखो तो तुम्हारे हाथ हैं क्या ? तब मेरा ध्यान मेरी हाथ की तरफ़ा गया और मैंने देखा की मेरे पास हाथ नहीं थे। और वो ऐसे गायब थे जैसे ये जनम से ही न रहे हों मैं भो चक्का रह गया ये क्या हो रहा था मेरे साथ। ये सब की परवा किये बिना मैंने उससे पूछने की कोशिश की के तुमने उसकी सैंडविच क्यों चुराई थी। .....मगर मेरे मुँह से आवाज़ नहीं निकल रहे थे , जबरदस्ती कोशिश करने पे थोड़ी सी आवाज़ निकली तभी सह यात्री ने जगाया की क्या हुवा क्या बोल रहे हो और तब मुझे लगा की मैं सपने में था। उसके तरफ देखा तो वो भी सो रहा था। जान में जान आई पानी पिया और फिर चुप चाप बैठ गया।
मैं सोचने लगा आखिर इस सपने का क्या मतलब था की, मैंने उसका मुँह नोचने का सोचा तो मेरे हाथ ही गायब हो गए ? उससे कुछ पूछना चाहा तो आवाज़ बंद हो गयी !!
क्या मुझे ये सिख दी जा रही रही थी के किसी के निजता पे उससे नफरत न करो ?