जिंदगी
कश मकश में जिंदगी पर जाती है
दरबारों में हया गिर जाती है
भूल जाते हैं जिंदगी की सरहदों को हम
और फिर आपसी रिश्ते भी लूट जाते हैं
जब तक के होश आये सरफ़राज़
एक दिन जिंदगी खुद ही लूट जाती
कश मकश में जिंदगी पर जाती है
दरबारों में हया गिर जाती है
भूल जाते हैं जिंदगी की सरहदों को हम
और फिर आपसी रिश्ते भी लूट जाते हैं
जब तक के होश आये सरफ़राज़
एक दिन जिंदगी खुद ही लूट जाती
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