जिसे चलना सिखाया, बताया के, ये क्या है
और अब वो कहता है ये मरौवत क्या है
बड़ा शौक था की तुझे परवाज ऐ आसमान देखूं
नही गर कोई शौक तो ज़िन्दगी क्या है
ये मेरा तरीक न था की तुझे उस जान भेजूं
कोशिश फिर भी की के मुश्किल क्या है
ऐ अहले बरादरान मुझे माफ़ करना
गर मांग ली माफ़ी तो मुद्दा क्या है
जलाया दिल को तो जिस्म भी जल गया होगा
ख्वा मख़्वाह परेशान होने की जरुरत क्या है
और अब वो कहता है ये मरौवत क्या है
बड़ा शौक था की तुझे परवाज ऐ आसमान देखूं
नही गर कोई शौक तो ज़िन्दगी क्या है
ये मेरा तरीक न था की तुझे उस जान भेजूं
कोशिश फिर भी की के मुश्किल क्या है
ऐ अहले बरादरान मुझे माफ़ करना
गर मांग ली माफ़ी तो मुद्दा क्या है
जलाया दिल को तो जिस्म भी जल गया होगा
ख्वा मख़्वाह परेशान होने की जरुरत क्या है
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