रातों में भी जब शान आगया है
जैसे कोई मेहमान आगया है
मोमिनो लगाओ दर पे हाजिरी
के अब ये माहे राजान आगया है
शायद ये वक्त आखिरी हो तुम्हारा
किसे पता के कब अख्तताम् आगया है
तकब्बुर कभी न करना अपने विसाल का
इबादत करो तो ऐसे, कोई ग़ुलाम आगया है
जैसे कोई मेहमान आगया है
मोमिनो लगाओ दर पे हाजिरी
के अब ये माहे राजान आगया है
शायद ये वक्त आखिरी हो तुम्हारा
किसे पता के कब अख्तताम् आगया है
तकब्बुर कभी न करना अपने विसाल का
इबादत करो तो ऐसे, कोई ग़ुलाम आगया है
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