क्या कुछ बदल जाता है एक साल के बदलने से, नए साल के आने से क्या आजाता है। आखिर किसने और कब ये नियम लागु किया के ये साल यहाँ पे ख़त्म माना जायेगा और यहाँ से ये नया साल शुरू हो जायेगा।
कुछ नही बस ऐसा होने में सिर्फ एक खगोलीय घटना का हाथ होता है। सिर्फ बदलता ये है की पृथ्वी सूर्ये का एक चक्कर पूरा कर लेती है उसके बाद वहां से दूसरा चक्कर शरू होता है। और साइकिल चलता रहता है। दिन को यूनिक कोड देने के लिए हम डेट मंथ और साल में बाँट देते हैं बस।
अतः नए साल में मुझे केवल इतना दीखता है की पृथ्वी ने हम पापियों के बोझ को लेकर सूर्ये के एक और चक्कर पुरे करलिए।
कुछ नही बस ऐसा होने में सिर्फ एक खगोलीय घटना का हाथ होता है। सिर्फ बदलता ये है की पृथ्वी सूर्ये का एक चक्कर पूरा कर लेती है उसके बाद वहां से दूसरा चक्कर शरू होता है। और साइकिल चलता रहता है। दिन को यूनिक कोड देने के लिए हम डेट मंथ और साल में बाँट देते हैं बस।
अतः नए साल में मुझे केवल इतना दीखता है की पृथ्वी ने हम पापियों के बोझ को लेकर सूर्ये के एक और चक्कर पुरे करलिए।
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