इतनी विविधता और एक बड़े दायरे के साथ किसी नतीजे तक इतनी जल्दी पहुंच पाना बहुत मुश्किल होता है। फिरभी लोगों को आये-दिन मिंटो में दूसरे के खिलाफ फैसला सुनाते हुवे देखता हूँ। पता नही इनकी सोच और जुबान हमेशा ऐसे ही चलती है या ठहराओ भी आता है।
किसी के बेबसी का फायदा न उठाऊ उसे अपनी बात रखने का मौका दो और उसका सहारा बनो। सहारा नही बनसकते तो कम से कम चुप रहो।
किसी के बेबसी का फायदा न उठाऊ उसे अपनी बात रखने का मौका दो और उसका सहारा बनो। सहारा नही बनसकते तो कम से कम चुप रहो।
No comments:
Post a Comment