कभी कभी मन बहुत विचलित हो जाता है। पता नही क्यों?
मार इतना एहसास हुवा की जब आप अपने बस में न हो तब आपका दिमाग बिलकुल डेड हो जाता है। टेंशन बहुत ख़राब चीज़ है ये इंसान को वक्त से पहले बूढ़ा और जरुरत से ज्यादा मजबूर करदेता है। कभी कभी आप टेंशन में होते हैं जिसकी कोई जरुरत नही होती ठीक से सोचो तो वो टेंशन बेकार होता है। क्यूंकि बेकार चीज़ों में वक्त जाया करना अपना नुक्सान होता है।
इंसान को ज़िन्दगी में एक सही सरपरस्त या उस्ताद जरूर मिलना चाहिए जिससे वो मश्विरा ले सके और अपने दिल की सब बातें बता सकें। मगर यहाँ कोई सरपरस्त नही और न ही कोई उस्ताद है बस एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ लगी हुई है।
मार इतना एहसास हुवा की जब आप अपने बस में न हो तब आपका दिमाग बिलकुल डेड हो जाता है। टेंशन बहुत ख़राब चीज़ है ये इंसान को वक्त से पहले बूढ़ा और जरुरत से ज्यादा मजबूर करदेता है। कभी कभी आप टेंशन में होते हैं जिसकी कोई जरुरत नही होती ठीक से सोचो तो वो टेंशन बेकार होता है। क्यूंकि बेकार चीज़ों में वक्त जाया करना अपना नुक्सान होता है।
इंसान को ज़िन्दगी में एक सही सरपरस्त या उस्ताद जरूर मिलना चाहिए जिससे वो मश्विरा ले सके और अपने दिल की सब बातें बता सकें। मगर यहाँ कोई सरपरस्त नही और न ही कोई उस्ताद है बस एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ लगी हुई है।
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